Menu
blogid : 19221 postid : 772256

नव प्रभात

अपनेराम की डायरी
अपनेराम की डायरी
  • 17 Posts
  • 30 Comments

जिंदगी है चार दिन की,
तू मजा कर,
सोचे क्यूँ दुनिया जहाँ की,
तू मजा कर,
देश चाहे गर्त में ही जा रहा हो,
तू मजा कर,
नेता, दीमक बन के इसको खा रहा हो,
तू मजा कर,
सीमा पर अब युद्ध चाहे चल रहा हो,
तू मजा कर,
मर रहा हो देश का जवान फिर भी,
तू मजा कर,
कैसे दुश्मन घुस गया कश्मीर में,
तू मजा कर,
न हो चिंतित इस स्थिति से,
तू मजा कर,
काम ये सरकार का है,
तू मजा कर,
दामाद सरकारी अफसर बने हैं,
तू मजा कर,
खा रहे जनता का पैसा,
तू मजा कर,
क्यूँ तेरा ही खून खौले,
तू मजा कर,
और भी तो है वो बोलें
तू मजा कर,
छीनता रोटी गरीबों की कोई,
तू मजा कर,
रोटी है, पानी नहीं है ,
तू मजा कर,
क्या अमीरी क्या गरीबी,
तू मजा कर,
न तेरा नाता करीबी,
तू मजा कर,
बढ़ रही है गुंडा गर्दी,
तू मजा कर,
बिक रही पुलिस की वर्दी,
तू मजा कर,
किसलिए रोता है भाई,
तू मजा कर,
मौत तो आनी थी आई,
तू मजा कर,
लड़ रहा भाई से भाई,
तू मजा कर,
बढ़ रही वर्णों की खाई,
तू मजा कर,
बाढ़ चुनावों की आई ,
तू मजा कर,
सरकार कोई टिक न पाई,
तू मजा कर,
कुर्सी से है प्यार सबको,
तू मजा कर,
देश से सरोकार किसको,
तू मजा कर,
भारत से बन गया इंडिया,
तू मजा कर,
माथे से खो गई बिंदिया,
तू मजा कर,
श्लील और अश्लील की सोच मत,
तू मजा कर,
सब हैं भ्रष्टाचार में रत,
तू मजा कर,
माँ बहिन की लुटती सरेआम इज्जत,
तू मजा कर,
उसकी माँ थी, क्या ‘अवी’ तुझको है दिक्कत,
तू मजा कर.
पर है गलत इस वक्त तेरा सोचना, के तू मजा कर,
देख चारों ओर अपनी दृष्टि का उपयोग कर,
देश का ये रूप है कैसा भयंकर, जाग ले अवतार बन तू प्रलयंकर,
उठ, स्वयं, इन कुम्भ्करणों को उठा, बस स्वयं का सोचते उनको मिटा,
कर स्वयं को शुद्ध, औरों को बता, स्वार्थ छोड़ें और दें लालच को धता,
गर बचा यह देश तो हम भी बचेंगें, प्रण करें अन्याय अब हम ना सहेंगे,
अस्मिता को राष्ट्र की अक्ष्क्षुण रखेंगे.
चल बजा बिगुल ‘अवी’ नव क्रांति का, चीर दे आकाश भय और भ्रान्ति का,

उठ ऐ धरतीपुत्र बीतेगी काली रात, सूर्य से ले स्फूर्ति, दे अँधेरे को मात,
फिर दिखा इस राष्ट्र को तू नव प्रभात, फिर दिखा इस राष्ट्र को तू नव प्रभात|

– अवी घाणेकर

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh